
जैसा की हम जानते है की घंटनाएँ किसी के साथ भी,कही भी और किसी भी रूप मै हो सकती है , कुछ को तो हम टाल नहीं सकते है और जिनको हम टाल सकते है उनके लिए कभी कभी त्यार नहीं होते या यू कहिये की त्यारी अच्छी नहीं होती जिस कारण वो अपने आप को बचाने मैं असमर्थ रह जाते है। https://www.youtube.com/watch?v=pQg50hu7W-A

शिकार जो ऐसी घटनाओँ और परिस्थितिओ के लड़कीऔर लड़का दोनों ही होते है पर ज़्यादा तर लड़कियों की संख्या आमतौर पर ज्यादा होती है लड़को की तुलना जिसको हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते है।
सोच कर देखिये अगर उस परिस्थिति के लिए आप शारीरिक रूप से अगर त्यार हो अथवा किसी भी विशिस्ट रूप की आत्म रक्षा के गुण मै प्रशिक्षित हो तो कम से कम उस परिस्थिति को आप टाल न सके पर वचाव की कोशिश कर सकते है और वचाव मै सफलता की गुंजाइश बढ़ा सकते है।

आज के युवा की परेशानी यही है की वो शारीरिक गतिविधियों मै भाग लेने के वजाय आज की तकनीकियों एवंग मोबाइल,लैपटॉप्स इत्यादि पर ज्यादा आश्रित हो गए है।
परिमाण स्वरुप शाररिक ताक़त एवंग क्षमता मै कमी आने लगती है है जिस कारण वे आसानी से शिकार बन जाते है।

इसी के चलते दुनिया भर के साथ-साथ भारत वर्ष मै आत्म रक्षा के गुण सिखाने के लिए कई तरीके के जिम तथा संस्थाएं खुले हुए है जिनमे से कुछ निःशुल्क भी है ख़ासतौर से लड़कियों और बालको के लिए।
कई-कई बड़े लोग भी इसमे अपनी बढ़ी अहम भूमिका निभा रहे है जैसे कि –
1). शिफू भरद्वाज जो की कमांडो एवंग स्पेशल फाॅर्स के ट्रेनर के तौर पर कई सालो तक कार्यवत रहे है ,इन्होने लड़कियों के लिए निःशुल्क आत्म रक्षा सिखाने का अभियान चलाया था जिससे हम मिशन प्रहार के नाम से जानते है। https://www.youtube.com/watch?v=DIMQpgriCqA
2). इसी प्रकार बॉलीवुड जगत की जानी मानी हस्ती अक्षय कुमार भी मुम्बई मै निःशुल्क आत्म रक्षा सिखाते है लड़कियों को खासतौर से।

इसके आलावा भारत मै कई तरीके के जिम और संस्थाएं है जो आपको ट्रेनिंग प्रदान कराते है,बदले मै उनको आप कुछ पैसे दे कर प्रक्षिशत हो सकते है।
इसी प्रकार “कलरीपायट्टु ” जो की भारत तथा विश्व की सबसे प्राचीन मार्शल आर्ट है जो धीरे-धीरे अपने संस्थानों को स्थापित कर रहा है जिसमे हम हाथ से हाथ के साथ-साथ हथियारों क साथ आत्म रक्षा सिखाते है जो की आज कल सैन्य ट्रेनिंग मै भी इस्तेमाल कर रहे है। https://www.youtube.com/watch?v=3R6IiK49hvU

जैसा की हम जानते है की हमारे देश मै हमे हथियार साथ मै रखने की इज़्ज़ाजत नहीं है तो क्यों ना हम अपने शरीर को हथियार बना ले जो ऐसी विपदा मैं काम आ सके।
“live like gentlemen,train like beast”

धन्यवाद !